स्विस बैंक में भारतीय काला धन फिर चर्चा में: 2014 के मुकाबले तीन गुना बढ़ोतरी, सबसे ऊँचा स्तर
नई दिल्ली/भारत जागरण — स्विस नेशनल बैंक के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, 2024 में स्विस बैंकों में भारतीयों की जमा राशि 3.54 बिलियन स्विस फ्रैंक (लगभग 37,600 करोड़ रुपये) पर पहुँच गई है, जो कि 2014 की तुलना में तीन गुना से अधिक है। यह आंकड़ा उस समय सामने आया है जब सरकार की ओर से वर्षों से काले धन पर लगाम लगाने के दावे किए जा रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह धनराशि महज सामान्य निवेश नहीं हो सकती। आंकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि अधिकांश रकम बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थाओं के ज़रिए ट्रांसफर की गई है, न कि सीधे व्यक्तिगत खातों से। यह उसी "लेयरिंग" प्रक्रिया की ओर इशारा करता है, जिसका उपयोग आमतौर पर काले धन को सफेद बनाने में किया जाता है।
हालांकि स्विस बैंकिंग अधिकारियों ने कहा है कि ये राशि गैरकानूनी नहीं मानी जा सकती जब तक इसकी जांच न हो, परंतु इसमें भारतीयों की गोपनीयता का लाभ लेकर पैसा छुपाने की पुरानी प्रवृत्ति फिर से उभरती दिख रही है।
2014 में जब केंद्र में नई सरकार आई थी, तब काले धन को विदेश से वापस लाने का मुद्दा सबसे बड़ा चुनावी वादा था। उस वक्त यह कहा गया था कि "हर भारतीय के खाते में 15 लाख रुपये आ जाएंगे"। लेकिन अब दस साल बाद, सवाल उठ रहे हैं कि काला धन वापस लाने की बजाय कहीं वह और ज़्यादा सुरक्षित ढंग से स्विस बैंकों में पहुँच तो नहीं गया?
जनता और विपक्षी दलों ने मांग की है कि सरकार स्पष्ट करे कि यह धन किसका है, और क्या इसमें काले धन की भूमिका है?
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