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भगवान परशुराम जयंती पर पटौदी की हेड़ाहेड़ी गौशाला में श्रद्धा और राष्ट्रभावना का संगम, हवन-यज्ञ और भंडारे का आयोजन

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पटौदी (भारत जागरण न्यूज)। भगवान विष्णु के छठे अवतार, परशुराम जी के प्राकट्य दिवस पर पटौदी क्षेत्र की हेड़ाहेड़ी गौशाला में धार्मिक आस्था, गौसेवा और राष्ट्रभक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिला। विकलांग और असहाय गायों की सेवा में समर्पित इस गौशाला में परशुराम जयंती को श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत हवन-यज्ञ से हुई, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने शपथपूर्वक सर्वहित की कामना के साथ आहुतियां दीं। गौशाला के संचालक स्वामी राजगिरी महाराज ने भगवान परशुराम की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें जय श्रीराम का पटका पहनाया और यज्ञ में आहुति दी। इस अवसर पर आदर्श ब्राह्मण सभा पटौदी के अध्यक्ष श्री रामचंद्र भारद्वाज ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ हवन संपन्न करवाया। उन्होंने बताया कि समाज के उत्थान के लिए परशुराम जैसे आदर्शों को अपनाना आज के समय की आवश्यकता है। स्वामी राजगिरी महाराज ने सभा को संबोधित करते हुए कहा— "जिस प्रकार दूध के बिना गाय उपेक्षित हो जाती है, उसी प्रकार ज्ञानविहीन ब्राह्मण का भी समाज में कोई स्थान नहीं है। यदि ब्राह्मण मांस-मदि...

पटौदी के जाटोली गांव में पाकिस्तान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन, 26 हत्याओं पर जताया रोष

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पटौदी (भारत जागरण न्यूज़):   पटौदी के जाटोली गांव में लोगों ने एकत्रित होकर पहलगाम में हुए आतंकी हमले और इस्लामिक कट्टरता व जिहाद के खिलाफ अपना रोष प्रकट किया। इस दौरान, गांववासियों ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी नारेबाजी की और 26 निर्दोष नागरिकों की निर्मम हत्या का विरोध किया। खंडेवाला मोड़ के पास प्रदर्शन के कारण प्रशाशन ने वाहनों को रोकना पड़ा और लोगो ने पाकिस्तान मुर्दाबाद के जोरदार नारे लगाए। इसके बाद, पाकिस्तान के पुतले का दहन किया गया। लोग इस हमले को लेकर गहरे आक्रोशित थे और पाकिस्तान पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की मांग कर रहे थे। इस विरोध प्रदर्शन में अभय सिंह चौहान, जिला पार्षद यशपाल, नगर परिषद पार्षद रवि चौहान, पूर्व अध्यक्ष जगदीश, और अन्य स्थानीय नेता भी शामिल हुए। उन्होंने इस आतंकी हमले की कड़ी निंदा की और सरकार से पाकिस्तान के खिलाफ ठोस कदम उठाने का आह्वान किया। भारत जागरण न्यूज़ इस घटना की पूरी रिपोर्ट जारी रखेगा और किसी भी ताजे अपडेट के लिए पाठकों को सूचित करेगा।

केआर मंगलम विश्वविद्यालय में ‘नो अवर बॉर्डर्स’ कार्यक्रम आयोजित, सीमाओं के प्रति युवाओं को किया गया जागरूक

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गुरुग्राम: सीमा जागरण मंच गुरुग्राम विभाग, उन्नत भारत अभियान क्लब तथा केआर मंगलम विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आज विश्वविद्यालय परिसर में "नो अवर बॉर्डर्स" (Know Our Borders) विषय पर एक प्रेरणादायी जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए वीर जवानों को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए की गई। कार्यक्रम का शुभारंभ सीमा जागरण मंच गुरुग्राम विभाग के संयोजक श्री विजय प्रजापति द्वारा देशभक्ति गीत की प्रस्तुति से हुआ, जिसने वातावरण को देशप्रेम से ओतप्रोत कर दिया। इसके पश्चात दीप प्रज्ज्वलन सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल विष्णुकांत चतुर्वेदी (पीवीएसएम, एवीएसएम, एसएम), दिल्ली विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर एवं सीमा जागरण मंच दिल्ली प्रांत युवा प्रमुख डॉ. श्याम नारायण पांडे, केआर मंगलम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. मेराज उद्दीन मीर और अन्य विशिष्ट अतिथियों द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। श्री विजय प्रजापति ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए उन्हें अंगवस्त्र और तुलसी का पौधा ...

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पहलगाम आतंकी हमले को बताया निंदनीय

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मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पहलगाम आतंकी हमले को बताया निंदनीय हमले में मारे गए आम नागरिकों को मुख्यमंत्री ने दी श्रद्धांजलि मुख्यमंत्री ने हरियाणा की पहली ‘कम्प्लीट स्ट्रीट्स’ का किया पैदल निरीक्षण गुरुग्राम, 23 अप्रैल - हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि देश ऐसे कठिन समय में एकजुट है और आतंकवाद से डरने या झुकने वाला नहीं है। मुख्यमंत्री ने हमले में मारे गए आम नागरिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा की यह कायराना हरकत है, जिसने निर्दोष लोगों की जान ली। नागरिकों का बलिदान सदैव स्मरण रहेगा और हम उनके परिवारों के साथ खड़े रहेंगे। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने पहलगाम आतंकी हमले में जान गंवाने वाले श्री विनय नरवाल के परिजनों से भी बात की। मुख्यमंत्री ने परिवार के साथ दुख साझा किया और कहा कि हरियाणा सरकार दुख की घड़ी में परिवार के साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री ने गुरुग्राम के उद्योग विहार सेक्टर-18 में हरियाणा की पहली ‘कम्प्लीट स्ट्रीट्स’ का पैदल नि...

BABA JYOTIGIRI MAHARAJ | उज्जैन में हरियाणा सेवा आश्रम का नया अध्याय | भव्य भक्त निवास का भूमि पूजन | प्रबुद्ध लोगो हुए शामिल

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हरियाणा सेवा आश्रम में भक्त निवास का भूमि पूजन सम्पन्न: गुरु परंपरा, सनातन संस्कृति और संतों की शिक्षा का संदेश भारत जागरण | उज्जैन | 14 अप्रैल 2025 नृसिंह घाट, उज्जैन स्थित हरियाणा सेवा आश्रम में 14 अप्रैल को आध्यात्मिक वातावरण के बीच भक्त निवास के निर्माण हेतु भूमि पूजन का आयोजन किया गया। यह आयोजन श्री श्री 1008 श्री महामंडलेश्वर स्वामी ज्योतिगिरी महाराज और महंत कृष्ण गिरी महाराज की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद श्री बालयोगी उमेशनाथ महाराज, महंत महावीरनाथ, महंत रामगिरी (जूनागढ़), नगर निगम अध्यक्ष श्रीमती कलावती यादव, नगर उपाध्यक्ष श्री जयदीप पांचाल, मेयर श्री मुकेश चटवाल, पूर्व मेयर श्री बबलू पाटिल (मनमाड़, नासिक) सहित अनेक गणमान्य संत एवं भक्तजन उपस्थित रहे। भूमि पूजन के पावन अवसर पर स्वामी ज्योतिगिरी महाराज ने भारत जागरण से बातचीत के दौरान कहा:  जिस भूमि पर गुरुकृपा की नींव पड़ती है, वहां केवल ईंट-गारे से नहीं, बल्कि संस्कृति और श्रद्धा से भवन निर्मित होते हैं। स्वामी जी ने आगे कहा कि यह भक्त निवास केवल रुकने का स्थान नहीं होगा,...

भीमराव अंबेडकर: राजनेता या पूज्य पुरुष?

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भारतीय लोकतंत्र में अनेक राजनेता हुए हैं—नेहरू, पटेल, सुभाष चंद्र बोस, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, गांधी—जिनकी नीतियों, विचारों और निर्णयों की आज भी खुलकर समीक्षा होती है। उनकी आलोचना भी होती है, तो प्रशंसा भी। यह किसी स्वस्थ लोकतंत्र का प्रमाण है कि हम अपने इतिहास और नेतृत्व पर विचार कर सकें, सवाल कर सकें। परंतु जब बात डॉ. भीमराव अंबेडकर की होती है, तो परिस्थिति बदल जाती है। अंबेडकर की किसी भी आलोचना पर कुछ वर्ग इतने आक्रामक हो जाते हैं मानो किसी भगवान की निंदा हो गई हो। यह प्रवृत्ति खतरनाक है। डॉ. अंबेडकर निःसंदेह एक प्रभावशाली नेता, विचारक और संविधान निर्माता रहे हैं। उन्होंने दलितों और वंचित वर्गों के अधिकारों के लिए आवाज उठाई, जो सराहनीय है। परंतु इसका यह अर्थ नहीं कि उनके हर विचार, हर निर्णय, हर कथन को आलोचना से परे रखा जाए। वे कोई सिद्ध पुरुष या भगवान नहीं थे, बल्कि एक शुद्ध राजनेता थे, जिनकी अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं, वैचारिक सीमाएं और रणनीतियाँ थीं। जैसे अन्य राजनेताओं की आलोचना लोकतंत्र को मजबूत करती है, वैसे ही अंबेडकर की आलोचना भी यदि तर्क और तथ्य आधारित हो, त...