पटौदी- मणिकांत कौशिक | युवाओं के लिए आदर्श, बिना कोचिंग के बना फ्लाइंग ऑफिसर
'होनहार बिरवान के होत चिकने पात' यह लाइने हेलीमंडी के निकटवर्ती गांव लुहारी के मणिकांत शर्मा पर बिल्कुल सटीक बैठती है। एयरफोर्स में फ्लाइंग ऑफिसर के रूप में कमिशन प्राप्त करके मणिकांत शर्मा ने अपनी मां के सपने को साकार किया है।
बचपन से ही आकाश की ऊंचाइयों को छूने की तमन्ना रखने वाले मणिकांत शर्मा अब आकाश में सुरक्षा प्रहरी की भूमिका निभाएंगे। लुहारी गांव के ग्राम वासियों ने गांव के लड़के के एयरफोर्स में फ्लाइंग ऑफिसर बनने पर खुशी जताई है।
फ्लाइंग ऑफिसर मणिकांत शर्मा के भाई पवन कौशिक ने भारत जागरण को बताया कि उनके पिताजी नरेश शर्मा 25 वर्ष तक आर्मी में हवलदार पद पर कार्यरत थे। उनकी माता उन्हें अफसर बनने के लिए प्रेरित करती रहती थी। इसलिए बचपन से ही देशसेवा की इच्छा बलवती हो गई थी। उनकी स्कूली शिक्षा राव रामजीवन डीएवी पब्लिक स्कूल हेलीमंडी में हुई थी। पहली बार में एनडीए में सिलेक्शन नही हुआ लेकिन दूसरी बार जनवरी 2016 में उन्होंने एनडीए में सफलता हासिल की।
इसके लिए उन्होंने कोई कोचिंग नही ली। दिसंबर 2018 में एयरफोर्स एकेडमी में कोर्स करने के लिए आ गए। 20 जून को पास आउट परेड के बाद वे अब फ्लाइंग ऑफिसर बन गए है। इस मौके पर उन्हें अपने स्वर्गीय पापा नरेश शर्मा की कमी खलती है। मणिकांत ने कहा कि अपने माता पिता के आशीर्वाद से ही इस मुकाम पर पहुंचे है। उनके परिवार में ग्रेजुएशन कर चुकी छोटी बहन प्रेरणा शर्मा व माता संतोष देवी है जो झज्जर जिले के लुहारी गांव में रहती है।
सेल्फ कॉन्फिडेंस है जरूरी
फ्लाइंग ऑफिसर मणिकांत शर्मा के भाई पवन कौशिक ने कहा कि आर्मी में अच्छे अवसर है। देश सेवा को कैरियर के रूप में अपनाएं। ग्रामीण अंचल के छात्र भी सफलता प्राप्त कर सकते है। खुद पर विश्वास करें, हार्ड वर्क करें और फेल होने से न घबराए। उन्होंने बिना किसी कोचिंग के सफलता प्राप्त की है।
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