SC ने रद्द की इलेक्टोरल बॉन्ड की स्कीम: क्या है सच्चाई, जानिए कुछ महत्वपूर्ण बातें
सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी 2024 को इलेक्टोरल बॉन्ड योजना को असंवैधानिक घोषित कर दिया। यह फैसला राजनीतिक चंदे में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
यहां कुछ महत्वपूर्ण बातें बताई गई हैं:
• यह योजना क्या थी?
o इलेक्टोरल बॉन्ड योजना 2018 में केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई थी।
o इस योजना के तहत, कोई भी व्यक्ति या संस्था गुमनाम तरीके से राजनीतिक दलों को चंदा दे सकता था।
• इस योजना को क्यों रद्द किया गया?
o सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह योजना चुनावों में पारदर्शिता और जवाबदेही को कम करती है।
o यह मतदाताओं के सूचना के अधिकार का उल्लंघन करता है।
• इस फैसले के क्या प्रभाव होंगे?
o अब राजनीतिक दलों को चुनावी चंदा देने वालों की जानकारी सार्वजनिक करनी होगी।
o राजनीतिक दलों पर दबाव बढ़ेगा कि वे धन जुटाने के लिए अधिक पारदर्शी तरीकों का इस्तेमाल करें।
o यह फैसला चुनावी सुधारों को गति दे सकता है।
यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह फैसला तुरंत लागू नहीं होगा। केंद्र सरकार को इस फैसले के अनुरूप चुनाव कानून में बदलाव करने होंगे।
विभिन्न राजनीतिक दलों ने इस फैसले पर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दी हैं।
• भाजपा सरकार ने इस फैसले पर निराशा व्यक्त की है।
• कांग्रेस पार्टी ने इस फैसले का स्वागत किया है।
• अन्य राजनीतिक दलों ने भी इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं।
यह फैसला चुनावी सुधारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह देखना बाकी है कि इस फैसले का राजनीतिक चंदे और चुनावों पर क्या प्रभाव पड़ता है.
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