नेपाल के प्रधान मंत्री भारत की जनता से भावनात्मक ठेस पहुचाने के लिए माफी मांगे-सुधीर मुदगल)सीमा व रामजन्म भूमि विवाद
भारत और नेपाल के रिश्ते शदा प्रेमपूर्वक रहे है परंतु नेपाल में बदले राजनीतिक पृष्टभूमि और भारत-चीन सीमा विवाद के कारण या फलस्वरूप नेपाल किसी न किसी बात पर भारत के साथ विवाद पैदा करने की कोशिश कर रहाहै। नेपाल के द्वारा पहले तो भारतीय छेत्र को नक्से में अपना दिखाना और उसके बाद भगवान राम की जन्मभूमि नेपाल में बताना तथा साथ ही भारतीय न्यूज़ चैनल को अपने देश मे प्रतिबंधित कर देना लगातार एक विवाद पैदा कर रहा है।
भारतीय न्यूज़ चैनल को प्रतिबंद करना नेपाल के द्वारा जायज लगता है और क्योकि बिना किसी आधार के नेपाल के प्रधानमंत्री के चरित्र इत्यादि पर सवाल उठाना बिल्कुल गलत है परंतु हमारे देश के न्यूज़ चैनल को जिस प्रकार अपने देश के किसी भी पद को गालियाँ देना साधारण लगने की आदत हो गयी है तो शायद वो भूल गए कि अबकी बार वो नेपाल देश के खिलाफ बेहूदा न्यूज़ चला रहे है जो अपने प्रधानमंत्री पद की गरिमा समझते है जिस पर नेपाल ने संज्ञान लेते हुए ddnews को छोड़ कर सभी न्यूज़ चैनल को बैन कर दिया।
वही भारतीय सरकार के अलावा भारतीय आमजन में भी इसका रोष देखने को मिला। आमजन की तरफ से विरोध की कमान पटौदी से अधिवक्ता सुधीर भुदगल ने संभाली जिनके द्वारा नेपाल के राजदूत को पत्र लिख कर भारतीय जनता की भावनाओ को ठेस पहुचाने का विरोध प्रकट किया है।
क्या है पूरा मामला-
पड़ोसी देश नेपाल के वर्तमान प्रधानमंत्री खड्ग प्रशाद शर्मा ओली द्वारा जारी भारतीय विरोधी गतिविधियों का भारत मे जनता के स्तर पर विरोध होना शुरू जो चुका है। पहले तो भारत के तीन स्थान कालापानी, लिपुलेख व लिम्पियधुरा को अपने नक्शे में दिखाना फिर नेपाल के प्रधानमंत्री जी द्वारा राम जन्मभूमि को नेपाल में बताना कही न कही भारत विरोधी होना साबित करता है। यह विवादित ब्यान व नक्शा साबित करता है कि नेपाल के प्रधान मंत्री किसी के बहकावे में आकर ऐसा कर रहे है क्योंकि रक्षा मंत्री राजनाथ जी ने 8 मई को ही लिपुलेख से एक नई सड़क का उद्धघाटन किया था और 18 मई को नेपाल की संसद में यह विवादित नक्शा पास कर दिया जाता है।
दूसरा जब माता सीता का मायका व भगवान राम का ससुराल जनकपुरी नेपाल में स्थित है तो जन्मस्थली नेपाल में कैसे हो सकती है।
इन विवादित नक्शे व ब्यान के खिलाफ में वरिष्ठ अधिवक्ता सुधीर मुदगिल ने नेपाल के राजदूत को एक पत्र लिख कर भारत की जनता की तरफ से विरोध जताया है और कहा है कि नेपाल के प्रधान मंत्री भारत की जनता से भावनात्मक ठेस पहुचाने के लिए माफी मांगे।
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