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करोना मरीज ठीक होने (रिकवरी) की दर बढ़कर 49.47 प्रतिशत हुई; कुल 1,47,194 व्यक्ति ठीक हो चुके हैं

● कोविड पॉजिटिव मामलों के स्वस्थ होने की दर में सुधार जारी है और कुल 1,47,194 मरीजों के स्वस्थ होने के साथ वर्तमान में यह दर 49.74 प्रतिशत है।

● 1,41,842 सक्रिय मामले स्वास्थ्य निगरानी में बने हुए हैं।

● वर्तमान में मामले दोगुने होने की दर सुधरकर 17.4 दिन हो गई है, जो लॉकडाउन के शुरुआत में 3.4 दिन के स्तर पर थी।

● कैबिनेट सचिव ने सभी राज्यों को रोकथामपरीक्षण और मामलों का पता लगानेस्वास्थ्य आधारभूत ढांचे में सुधार, चिकित्सा प्रबंधन और सामुदायिक जुड़ाव पर ध्यान केन्द्रित करने की सलाह दी है।

● जीएसटी परिषद ने कानून और प्रक्रियागत बदलावों पर कुछ सुझाव दिए हैं।

● श्री पीयूष गोयल ने कहा कि कोविड महामारी के इस दौर के बाद भारत का भविष्य गुणवत्ता से तय होने जा रहा है।


कोविड-पॉजिटिव मामलों के ठीक होने (रिकवरी) की दर में वृद्धि जारी है और वर्तमान में यह 49.47% है। कुल 1,47,194 व्यक्ति ठीक हो चुके हैं।कुल1,41,842 व्यक्तिसक्रिय चिकित्सा देखरेख में हैं। पिछले 24 घंटों में कोविड-19 से 6,166 व्यक्ति ठीक हुए हैं।

दोगुने होने के समय/दर में सुधार जारी है और लॉकडाउन की शुरुआत के 3.4 दिनों से बढ़कर वर्तमान में यह 17.4 दिन हो गया है।

कैबिनेट सचिव ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों, स्वास्थ्य सचिवों और शहरी विकास सचिवों के साथ वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से बातचीत की। राज्यों को कोविड-19 के प्रभावी प्रबंधन के लिए रोकथाम, परीक्षण तथा संदिग्धों का पता लगाने, स्वास्थ्य अवसंरचना उन्नयन, मामले के नैदानिक प्रबंधन और सामुदायिक सहभागिता पर ध्यान देने की सलाह दी गई।


राज्यों को उन स्थानों पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी गयी जहाँ संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। ऐसे स्थानों पर कड़े नियंत्रण उपायों को लागू करने की सलाह दी गयी ताकि वायरस के प्रसार को रोका जा सके। राज्यों को सलाह दी गई कि मामलों की शीघ्र पहचान के लिए नियंत्रण-क्षेत्रों में विशेष टीमों के माध्यम से घर-घर की निगरानी महत्वपूर्ण है। राज्यों से अस्पताल के बुनियादी ढांचे के उन्नयन में तेजी लाने का अनुरोध किया गया, ताकि पर्याप्त लॉजिस्टिक्स (जैसे पल्स ऑक्सीमीटर) और प्रशिक्षित मानव संसाधन (डॉक्टर, स्टाफ नर्स, गैर-नैदानिक स्टाफ)की उपलब्धता सुनिश्चित करने के अलावा अनुमानों के अनुसार मामलों का प्रबंधन किया जा सके।

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इस बात पर जोर दिया गया कि विशेष रूप से संवेदनशील आबादी यानी बुजुर्गों और सह-रुग्णता वाले मरीजों के लिए निवारक उपाय करना बेहद महत्वपूर्ण है। एम्स, दिल्ली के सहयोग एवं सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की मदद से लक्षणों के आधार पर समय पर रेफर करने और नैदानिक प्रथाओं में सुधार पर भीबल दिया गया। राज्यों से अनुरोध किया गया कि उन्हें समुदायों के साथ व्यापक स्तर पर संपर्क करना चाहिये, ताकि समुदायों में हर समय एक-दूसरे से आवश्यक दूरी बनाए रखने एवं कोविड से सम्बंधित उचित व्यवहार को बढ़ावा दिया जा सके।

आईसीएमआर ने संक्रमित व्यक्तियों में नावेल कोरोनावायरस का पता लगाने के लिए परीक्षण क्षमता को और बढ़ा दिया है। देश में वर्तमान में कुल 877 प्रयोगशालाएँ (637- सरकारी प्रयोगशालाएँ और 240- निजी प्रयोगशालाएँ) कार्यरत हैं। पिछले 24 घंटों में 1,50,305 नमूनों का परीक्षण किया गया। इस प्रकार अब तक कुल 53,63,445 नमूनों का परीक्षण किया जा चुका है।

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