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लाॅक डाउन में गैंगवार, ताबड़तोड़ आधा दर्जन फायर, एक की मौत दूसरा घायल-घटना पटौदी के ताजनगर की

सनसनीखेज वारदात के बाद हमलावर मौके से हो गए फरार

घटना जमालपुर रोड पर बाबा मंशाराम आश्रम के पास की

फतह सिंह उजाला
पटौदी।
 पटौदी हलके के गांव ताजनगर में एक ही गैंग के गैंगस्टरों के बीच रुपए के लेनदेने को लेकर तकरार हो गई। यह तकरार इतनी बढ़ गई कि सोमवार को जमालपुर रोड पर बाबा मंशाराम आश्रम के समींप जमकर गोलीबारी हुई । एक साथी ने दूसरे साथी पर ताबड़तोड एक के बाद एक 6 फायर कर किए और को एक को मौत के घाट उतार दिया जबकि दूसरे का हाथ घायल हो गया। हमलवार मौके से फरार हो गए। गैंगस्टरों का संबंध 2011 में महेंद्र सरपंच हत्याकाड से भी रहा है। जो बाद में बरी आ गए थे। पुलिस ने एक महिला सहित चार नामजद हमलावरो के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। घटना की सूचना मिलने के बाद डीसीपी दीपक सहारण, एसीपी बीरसिंह, थाना प्रभारी सवित कुमार अपनी टीम के साथ पहुंचे और घटना से सम्बंधित साक्ष्य जुटाये और दुकानों पर लगे सीसीटीवी फुटेज लेकर जांच शुरु कर दी है।

पुलिस को दिए बयान में रविंद्र उर्फ सरकार निवासी ताजनगर ने बताया कि वह कृषक है। वर्ष 2011 में वह और गांव की ही रहने वाला बिरेंद्र उर्फ कालू तथा उसका भाई बिजेंद्र उर्फ देविंद्र गांव के सरपंच महेंद्र यादव के मर्डर के मामले में जेल चले गए थे। 2014 में उक्त मामले से वह तीनों बरी हो गए। उक्त मामले की पैरवी में करीब 15 लाख रुपए खर्च हुए थे। बिजेंद्र उर्फ देविंद्र ने रुपए देने के लिए कहा था। लेकिन बार-बार रुपए मांगने पर भी नहीं दिए गए। वर्ष 2016 में वह जब जेल से छूट कर बाहर आया तो बिजेंद्र उर्फ देविंद्र ने कहा कि दोनों मिलकर प्रॉपर्टी का कार्य कर लेते है। जो मुनाफा होगा आधा आधा बाट लेंगे। लेकिन उसने प्रॉपर्टी के मामले में भी धोखा किया और 50 लाख रुपए हजम कर लिए। रुपए लेने के लिए उसने बिजेंद्र उर्फ देविंद्र से कई बार कहा और अंत में वह रुपए देने से इंकार कर गया। बिजेंद्र उर्फ देविंद्र ने उसको धमकी दी थी कि वह रुपए को भूल जाये वर्ना अंजाम बुरा होगा।

सोमवार को वह अपने दोस्त यशपाल पुत्र राजेंद्र यादव निवासी जोनियावास के उसाथ उसकी स्विफट कार एचआर 76बी 6373 में सवार होकर अपने दोस्त सुभाष पुत्र जयचंद ताजनगर के पास जा रहे थे। गाड़ी यश्पाल चला रहा था। वह साथ वाली सीट पर बैठा हुआ था। सुबह करीब 10 बजे वह बाबा मंशाराम आश्रम के पास पहुंचे तो पीछे से एक सफेद रंग की स्विफट कार के चालक ने अपनी गाड़ी लगा कर उनकी कार का रास्ता रोक लिया। गाड़ी बिरेंद्र उर्फ कालू पुत्र बाबू लाल निवासी ताजनगर चला रहा था। पिछली सीट पर एक अन्य व्यक्ति दिखा, लेकिन वह अंजान था। बिरेंद्र उर्फ कालू गाड़ी से नीचे उतरा और अपने हाथ में ली हुई रिवालवर से यशपाल पर तीन फायर किए , यशपाल गोली लगते ही वह सीट पर गिर गया। उसके बाद बिरेंद्र उर्फ कालू उसकी ओर मारने की नियत से दौडा और तीन फायर किए। जैसे ही उसने अपने बचाव के लिए शोर मचाया तो हमलावर अपनी गाड़ी को लेकर जमालपुर की तरफ भाग निकले।

घटना की सूचना पुलिस कंट्रोल रुम में देकर वह अपने घायल दोस्त को उपचार के लिए मडोयर अस्पताल मानेसर ले गये। जहां चिकित्सकों ने बताया कि यहां कोरोना के मरीज है । पुलिस उन्हें मेदांता अस्पताल गुरुग्राम ले गई। यशपाल को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। यशपाल के  सिर में गोली लगने से काफी खून बह गया था। रविंद्र उर्फ सरकार ने बताया कि इस षडयंत्र को अंजाम देने वालों में बिरेंद्र उर्फ कालू, बिजेंद्र उर्फ देविंद्र व उसकी पत्नी अनिता तथा बिजेंद्र कें मामा के लड़के ने भूमिका निभाई है।

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